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उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू, आयोग ने जारी की अधिसूचना

9 सितंबर को होगा मतदान, 21 जुलाई को रिक्त हो गया था पद

नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर को होने चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है और इसके साथ ही नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत हो गई. अधिसूचना के अनुसार, नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है और दस्तावेजों की जांच 22 अगस्त को की जाएगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 25 अगस्त है. जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक इस्तीफा देने के बाद 21 जुलाई को यह पद रिक्त हो गया था. धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2027 में समाप्त होना था. संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, मध्यावधि चुनाव की स्थिति में पद पर चुने जाने वाले व्यक्ति को पूरे 5 साल का कार्यकाल मिलता है.

किस व्यक्ति को चुना जा सकता है उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति पद के लिए ऐसे व्यक्ति को ही निर्वाचित किया जा सकता है जो भारत का नागरिक हो, जो 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो और राज्यसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित होने की योग्यता रखता हो. भारत सरकार, राज्य सरकार या किसी अधीनस्थ स्थानीय प्राधिकरण में किसी लाभ के पद पर आसीन व्यक्ति उपराष्ट्रपति पद के लिए पात्र नहीं होता.

उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान
उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को स्पष्ट बढ़त हासिल है. उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों द्वारा किया जाता है. साथ ही उच्च सदन के मनोनीत सदस्य भी मतदान के पात्र होते हैं. संसद में 543 सदस्यीय लोकसभा में पश्चिम बंगाल में बशीरहाट संसदीय क्षेत्र की एक सीट रिक्त है, जबकि 245 सदस्यीय राज्यसभा में 5 सीट रिक्त हैं.

जीतने वाले उम्मीदवार को चाहिए इतने वोट
राज्यसभा में 5 रिक्त सीट में से 4 जम्मू कश्मीर से और एक पंजाब से है. पंजाब की सीट पिछले महीने हुए उपचुनाव में राज्य विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजीव अरोड़ा के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी. दोनों सदनों की प्रभावी सदस्य संख्या 786 है और जीतने वाले उम्मीदवार को 394 मतों की आवश्यकता होगी, बशर्ते सभी पात्र मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें. लोकसभा में बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA को 542 सदस्यों में से 293 का समर्थन प्राप्त है. सत्तारूढ़ गठबंधन को राज्यसभा में 129 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है, बशर्ते कि मनोनीत सदस्य राजग के उम्मीदवार के समर्थन में मतदान करें. सत्तारूढ़ गठबंधन को कुल 422 सांसदों का समर्थन प्राप्त है.

कितने समय का होता है उपराष्ट्रपति का कार्यकाल
संविधान के अनुच्छेद 66 (1) के अनुसार उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होगा और गुप्त मतदान के जरिए होगा. इस प्रणाली में मतदाता को उम्मीदवारों के नामों के सामने अपनी प्राथमिकताएं अंकित करनी होती हैं. उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है लेकिन कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद वह तब तक पद पर बना रह सकता है जब तक कि उसका उत्तराधिकारी पद ग्रहण नहीं कर ले।

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