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शिबू सोरेन ने आदिवासियों के लिए दशकों संघर्ष किया : अमित शाह

नई दिल्ली : झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन का सोमवार सुबह निधन हो गया। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में शिबू सोरेन ने आखिरी सांस ली। शिबू सोरेन के निधन पर विभिन्न नेता दुख जता रहे हैं और श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन के निधन पर दुख व्यक्ति किया और ट्वीट करते हुए लिखा, ‘शिबू सोरेन एक जमीनी नेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में तरक्की की। वे आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए खास तौर पर प्रतिबद्ध रहे। उनके निधन से दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी से बात की और संवेदना व्यक्त की। ओम शांति।’

प्रमोद तिवारी, प्रियंका गांधी ने भी जताया दुख
शिबू सोरेन के निधन पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, शिबू सोरेन झारखंड ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासियों की सबसे बुलंद आवाज, सबसे बड़ी पहचान और सर्वोच्च सम्मान के प्रतीक थे। झारखंड के सीएम के तौर पर हों या केंद्र में, उन्होंने हमेशा गरीबों, मजदूरों और खासकर आदिवासियों के अधिकारों की बात की। मुझे नहीं लगता कि उनसे बड़ा कोई (आदिवासी) चेहरा है। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। शिबू सोरेन के निधन पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि ‘मैंने कल्पना जी (कल्पना सोरेन) को मैसेज किया है। यह हम सभी के लिए बहुत दुखद समाचार है। हम उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं, हमारी प्रार्थनाएं उनके साथ हैं।’ कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने शिबू सोरेन के निधन पर कहा, ‘कुछ समय से उनकी (शिबू सोरेन) तबीयत बहुत नाजुक थी। आज बहुत दुख से यह खबर पढ़नी पढ़ी थी। आज हमारे नेता शिबू सोरेन जी हमारे बीच नहीं रहे। मेरी संवेदनाएं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके पूरे परिवार के साथ हैं। उन्होंने विभिन्न आदिवासी समाज के लोगों के लिए आवाज उठाई थी।’

राजनाथ सिंह ने भी जताई शोक संवेदना
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के वरिष्ठतम नेताओं में से एक, शिबू सोरेन जी, झारखंड के उन कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे जिन्होंने जीवन भर समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर आदिवासी समुदाय के अधिकारों और सशक्तिकरण के लिए संघर्ष किया। वे हमेशा जमीन और जनता से जुड़े रहे। मेरा उनसे लंबा परिचय रहा। उनके निधन से मुझे गहरा दुख पहुंचा है। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति!’

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