सेहत

Drink और स्मोकिंग से भी ज्यादा खतरनाक है अकेलापन!

इम्यूनिटी कमजोर और दिल की बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा

नई दिल्ली : हाल ही में हुई कई रिसर्च बताती हैं कि अकेलापन और सोशल आइसोलेशन का हेल्थ पर उससे भी ज्यादा बुरा असर पड़ सकता है जितना कि शराब पीने या स्मोकिंग से होता है. यह सिर्फ एक इमोशनल फीलिंग नहीं है, बल्कि एक गंभीर हेल्थ रिस्क फैक्टर बनकर सामने आया है. अकेलेपन से क्रॉनिक स्ट्रेस बढ़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. कुछ स्टडीज तो यह भी बताती हैं कि अकेलापन दिन में 15 सिगरेट पीने जितना खतरनाक हो सकता है.

यही नहीं, अकेलेपन का सीधा लिंक डिप्रेशन, एंग्जायटी और कॉग्निटिव डिक्लाइन से पाया गया है. बूढ़े लोगों में तो यह डिमेंशिया का भी रिस्क बढ़ा सकता है. जो लोग अकेला महसूस करते हैं, उन्हें अक्सर नींद आने में दिक्कत होती है या उनकी नींद की क्वालिटी खराब होती है. इससे ओवरऑल हेल्थ पर नेगेटिव असर पड़ता है. इसके अलावा अकेले लोग अक्सर अनहेल्दी लाइफस्टाइल अपना लेते हैं, जैसे कि कम फिजिकल एक्टिविटी, अनहेल्दी ईटिंग हैबिट्स और कभी-कभी शराब या ड्रग्स का सहारा लेना, जिससे उनकी हेल्थ और बिगड़ जाती है.

102 साल के अमेरिकी डॉ. हॉवर्ड टकर ने वर्ल्ड के सबसे ओल्डेस्ट लिविंग फिजिशियन के तौर पर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपनी जगह बनाई है. उनका मानना है कि शराब और धूम्रपान से भी ज्यादा खतरनाक एक आदत है “अकेलापन”. उनका कहना है कि अकेलापन हृदय रोग, डिप्रेशन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है. वो कहते हैं कि अगर आपकी लाइफ में कोई पर्पस नहीं है, तो कोई भी मिरेकल डाइट या सप्लीमेंट आपको लॉन्ग लाइफ नहीं दे सकता. एक इंटरव्यू में, डॉ. टकर ने कहा कि रिटायरमेंट लॉन्गविटी का एनिमी है. उनके हिसाब से, लॉन्ग और सेटिस्फाइंग लाइफ का फॉर्मूला किसी पिल में नहीं, बल्कि पर्पसफुल लाइफ जीने में है.

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