सामाजिक संस्थाओं तथा स्वयंसेवी संगठनों को एकजुट होकर समन्वित प्रयास करने चाहिए

लखनऊ : राष्ट्रीय बागवानी विकास मिशन, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उत्तर प्रदेश के सम्मानित सदस्य अजीत प्रताप सिंह ने अपने उद्बोधन में गौ आधारित प्राकृतिक खेती एवं पशुपालन, कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि वर्तमान समय में प्राकृतिक खेती न केवल स्वस्थ जीवनशैली के लिए आवश्यक है, बल्कि यह जल संरक्षण, मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने, पर्यावरण संरक्षण, और कृषि लागत में कमी लाने का भी एक प्रभावी माध्यम है।
उन्होंने आमजन से प्राकृतिक खेती को अपनाने का आग्रह करते हुए कहा कि यह न केवल कृषकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा, बल्कि देश को रसायनमुक्त और पोषणयुक्त भोजन की दिशा में अग्रसर करेगा। इस अवसर पर किसानों को लाभान्वित करने, विषमुक्त भोजन उपलब्ध कराने, पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन, तथा जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया।
श्री सिंह ने यह भी सुझाव दिया कि इन लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु सामाजिक संस्थाओं, स्वयंसेवी संगठनों तथा स्थानीय समुदायों को एकजुट होकर समन्वित प्रयास करने चाहिए, ताकि एक सतत और समृद्ध कृषि तंत्र का निर्माण किया जा सके। प्रतिष्ठित उद्यमी एवं सामाजिक कार्यकर्ता अभय उपाध्याय, व्यवसायी/कृषक वरुण कुमार शुक्ला,सामाजिक कार्यकर्ता/कृषक बद्री विशाल सिंह एवं शिक्षक,कृषक मित्र रंजीत सिंह यादव ने इस मिशन में अपना अमूल्य योगदान देने का भरोसा दिलाया।