उत्तर प्रदेशराज्य

बलरामपुर, मीरजापुर, मुरादाबाद में गुणवत्तापरक उच्च शिक्षा का नया केंद्र बनेगा यूपी सरकार का विजन

सीएम योगी ने तीन नवस्थापित राज्य विश्वविद्यालयों की प्रगति की उच्चस्तरीय समीक्षा की

कुलपतिगणों से बोले मुख्यमंत्री, इस बार से परास्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ करें, दिया निर्देश— विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक भवन, अकादमिक खंड और कुलपति आवास पहले चरण में हों पूर्ण, पूर्णकालिक रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक और वित्त नियंत्रक की नियुक्ति तत्काल हो, शिक्षक और लिपिकीय संवर्ग में नियुक्ति प्रक्रिया में देर न हो: मुख्यमंत्री, गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय की वेबसाइट और लोगो का मुख्यमंत्री ने किया विमोचन

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ में एक उच्चस्तरीय बैठक के माध्यम से बलरामपुर स्थित माँ पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय, मीरजापुर स्थित माँ विंध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय तथा मुरादाबाद स्थित गुरु जम्भेश्वर राज्य विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों और निर्माण कार्यों की अद्यतन प्रगति की समीक्षा की। बैठक में तीनों विश्वविद्यालयों के कुलपति भी उपस्थित रहे। विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री ने गुरु जम्भेश्वर राज्य विश्वविद्यालय, मुरादाबाद की वेबसाइट https://www.gjum.ac.in/ तथा लोगो का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नवस्थापित विश्वविद्यालयों को केवल शैक्षणिक परिसर न मानकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के उस व्यापक विजन का विस्तार समझा जाए, जिसमें हर जिले के युवाओं को गुणवत्तापरक, रोजगारपरक और सुलभ उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने का लक्ष्य समाहित है। यह पहल न केवल उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा को क्षेत्रीय असंतुलन से मुक्त करेगी, बल्कि उसे अधिक समावेशी और न्यायसंगत स्वरूप प्रदान करने की दिशा में भी निर्णायक सिद्ध होगी।

मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों की प्राथमिकता तय करते हुए निर्देश दिए कि पहले चरण में प्रशासनिक भवन, अकादमिक भवन और कुलपति निवास का निर्माण हर हाल में समय से और उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जाए। दूसरे चरण में छात्रावासों और आवासीय भवनों के निर्माण को गति दी जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी स्थलों पर कम से कम 500 श्रमिकों की तैनाती सुनिश्चित हो, ताकि कार्यों की गति और गंभीरता बनाए रखी जा सके।तीनों विश्वविद्यालयों के सुचारु संचालन हेतु मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पूर्णकालिक रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक और वित्त नियंत्रक की तैनाती तत्काल की जाए। किसी भी महत्वपूर्ण पद पर अतिरिक्त प्रभार अथवा संबद्धिकरण की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही लिपिकीय संवर्ग की नियुक्ति प्रक्रिया अविलंब आरंभ की जाए, अन्यथा कार्य संचालन प्रभावित होगा। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में कहा कि अगले तीन दिनों के भीतर पद सृजन की प्रक्रिया पूरी कर विज्ञापन जारी किया जाए और शीघ्र चयन की कार्यवाही प्रारंभ हो। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि विश्वविद्यालयों को गैर वेतन मद में आवश्यक धनराशि निर्गत की जाए तथा कुछ स्मार्ट क्लासेज और थिएटर रूम भी विकसित किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने कुलपतिगणों से कहा कि सम्बद्ध महाविद्यालयों के अतिरिक्त इस बार से विश्वविद्यालय परिसर में परास्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ करें। इसके लिए आवश्यक प्रयोगशालाओं की व्यवस्था भी कर ली जाए। बैठक में मुख्यमंत्री को विश्वविद्यालयों की प्रगति के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। बताया गया कि माँ पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय, बलरामपुर की परियोजना की कुल स्वीकृत राशि ₹163.52 करोड़ है, जिसमें से ₹83.47 करोड़ की धनराशि अब तक निर्गत की जा चुकी है। परियोजना का कार्य 7 जून 2024 को प्रारंभ हुआ है और इसे दिसंबर 2025 तक पूर्ण किया जाना है। परिसर में वर्तमान में 435 श्रमिक कार्यरत हैं, जो निर्धारित संख्या से अधिक है, जिससे कार्य की गति और गंभीरता का आकलन होता है। एक साथ प्रशासनिक भवन, अकादमिक खंड, छात्रावास, कुलपति निवास, आवासीय भवन, सुरक्षा अवसंरचना और बाह्य विकास जैसे कार्य संचालित हो रहे हैं।

माँ विंध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय, मीरजापुर की परियोजना का कुल अनुबंध मूल्य ₹154.15 करोड़ है, जिसमें से ₹88.53 करोड़ की राशि अब तक अवमुक्त की जा चुकी है। परियोजना 12 अगस्त 2024 से प्रारंभ हुई है और इसके फरवरी 2026 तक पूर्ण होने का लक्ष्य रखा गया है। गुरु जम्भेश्वर राज्य विश्वविद्यालय, मुरादाबाद की परियोजना 11 जुलाई 2024 को आरंभ हुई है और इसे भी फरवरी 2026 तक पूर्ण किया जाना है। इस परियोजना की कुल लागत ₹169.58 करोड़ है, जिसमें से ₹77.93 करोड़ की धनराशि अब तक जारी की जा चुकी है। कार्यों में प्रशासनिक खंड, दो अकादमिक भवन, छात्रावास, आवासीय परिसर, पुलिस चौकी तथा बाह्य विकास जैसे घटक सम्मिलित हैं।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इन परियोजनाओं में समयसीमा का कड़ाई से पालन हो और गुणवत्ता के प्रति किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रत्येक कार्य की तकनीकी गुणवत्ता का परीक्षण विशेषज्ञ एजेंसियों से कराया जाए और नियमित अंतराल पर प्रगति रिपोर्ट प्राप्त की जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इन विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम इस प्रकार तैयार किए जाएं, जो स्थानीय आवश्यकताओं, क्षेत्रीय संसाधनों और समकालीन रोजगार संभावनाओं से जुड़े हों। इससे विद्यार्थियों को केवल डिग्री नहीं, बल्कि व्यवहारिक ज्ञान, तकनीकी दक्षता और व्यावसायिक कौशल भी प्राप्त हो सकेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वास व्यक्त किया कि बलरामपुर, मीरजापुर और मुरादाबाद में विकसित हो रहे ये विश्वविद्यालय आने वाले वर्षों में शोध, नवाचार, सांस्कृतिक चेतना, नैतिक शिक्षा और आधुनिक कौशल विकास के केंद्र बनकर प्रदेश को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में सहायक सिद्ध होंगे।

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