आकांक्षी जनपद सोनभद्र और चंदौली में शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के नवाचार बने विकास की मिसाल

सोनभद्र जिले में निपुण डैशबोर्ड ने बदली बुनियादी शिक्षा की तस्वीर
हैंडमेड गोट मिल्क सोप के निर्माण और बिक्री से 50 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आय में हुआ सुधार, चंदौली जिले में काला धान की आर्गेनिक फार्मिंग, विदेशों में बढ़ी मांग, चंदौली के सीएचओ द्वारा डिजाइन अंतरा ट्रैकिंग बैग, जनसंख्या नियंत्रण के लिये बना वरदान
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश के सभी आकांक्षी जनपदों में अपनाये गये नवाचार और अभिनव प्रयासों ने विकास की नई तस्वीर पेश की है। वर्तमान में इन जनपदों ने शिक्षा,स्वास्थ्य,कृषि और आर्थिक क्षेत्र में किये गये विकास कार्य न केवल इन जनपदवासियों के जीवन स्तर में सुधार लाया है बल्कि अन्य क्षेत्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन रहे हैं। इसी क्रम में प्रदेश के आकांक्षी जनपद सोनभद्र निपुण डैशबोर्ड और स्वयं सहायता समूह द्वारा हैण्डमेड गोट मिल्क सोप के निर्माण व बिक्री ने जनपद में शिक्षा और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का कार्य किया है। तो वहीं चंदौली जनपद में काला धान की आर्गेनिक फार्मिंग और सिंकदरपुर चकिया के सीएचओ द्वारा बनाया गया अंतरा ट्रैकिंग बैग, जनसंख्या नियंत्रण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
आकांक्षी जनपद सोनभद्र में निपुण डैशबोर्ड ला रहा है शिक्षा क्षेत्र में क्रांति
प्रदेश के आकांक्षी जनपद सोनभद्र ने बुनियादी शिक्षा क्षेत्र में निपुण डैशबोर्ड, डिजिटल नवाचार अपना कर महत्वपूर्ण कदम उठाया है। निपुण डैशबोर्ड ने प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने में अहम भूमिका निभाई है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए शिक्षकों और छात्रों की प्रगति,उनकी उपस्थिति और प्रतिभागिता पर नजर रखी जाती है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। डैशबोर्ड के उपयोग से डेटा आधारित निर्णय लेना आसान हुआ, जिसके परिणामस्वरूप स्कूलों में पढ़ाई का स्तर बेहतर हुआ है। साथ ही जनपद में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिये लगभग 50 स्वयं सहायता समूह, हैंडमेड गोट मिल्क सोप का निर्माण और बिक्री कर रहा है। इस पहल ने न केवल उनकी आय में वृद्धि की है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं में आत्मविश्वास और उद्यमिता की भावना को भी बढ़ावा दिया है। पर्यावरण संरक्षण के लिए “मेरा प्लास्टिक मेरी जिम्मेदारी” अभियान के तहत प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन और पुनर्चक्रण पर जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा, क्लस्टर आवास योजना के तहत आदिवासी समुदायों को गुणवत्तापूर्ण आवास और बुनियादी सुविधाएं प्रदान की गई हैं, जिससे उनकी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आया है।

चंदौली में काला धान की आर्गेनिक फार्मिंग, विदेशों में बढ़ी मांग
यूपी के आकांक्षी जनपद चंदौली में अपनाये गये नवाचारों और विकास के कार्यों ने जनपद को देश के 112 आकांक्षी जनपदों में छठा स्थान प्रदान किया है। यह उपलब्धि जिले के समग्र विकास और सामुदायिक सहभागिता का परिणाम है। चंदौली जनपद में काला धान की आर्गेनिक फार्मिंग ने न केवल स्थानीय किसानों की आय बढ़ाई है, साथ ही इसे रसायन-मुक्त उत्पाद के रूप में स्थापित किया है। चंदौली के काला धान को भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान (IIRR) द्वारा प्रमाणित किया गया है। इस चावल की मांग देश-विदेश में बढ़ रही है, जिससे किसानों को सीधे तौर पर आर्थिक लाभ हो रहा है। वहीं स्वास्थ्य के क्षेत्र में, सिकंदरपुर चकिया के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा डिज़ाइन किया गया अंतरा ट्रैकिंग बैग जनसंख्या नियंत्रण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यह बैग हार्मोनल गर्भनिरोधक अंतरा इंजेक्शन के उपयोग को ट्रैक करने में मदद करता है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की प्रभावशालिता बढ़ी है।साथ ही जनसंख्या नियंत्रण के उपायों को भी प्रभावी रूप से अपनाना संभव होता है। इन जनपदों में अपनाये गये नवाचार की सफलता, आकांक्षी जनपदों में नीति आयोग के समावेशी और सतत विकास की अवधारणा को संभव बना रही है।