उत्तराखंडराज्य

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आरक्षण नीति को लेकर पंचायत चुनाव पर रोक लगाई

नई दिल्ली : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा के दो दिन बाद चुनाव से संबंधित सभी कार्यवाही पर रोक लगा दी। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, अदालत का ये फैसला बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल द्वारा दायर याचिका पर आया है, जिसमें कहा गया था कि पंचायत चुनावों के लिए मौजूदा आरक्षण रोटेशन को रद्द करने और इस साल से नया रोटेशन लाने के सरकार के फैसले ने उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया है। आरक्षण रोटेशन प्रणाली के तहत निर्वाचन क्षेत्र तीन कार्यकालों के लिए विभिन्न श्रेणियों के लिए आरक्षित किए जाते हैं, जिसके बाद कोटा अन्य सीटों को चला जाता है. मौजूदा रोटेशन को रद्द किए जाने और इस साल से एक नया रोटेशन शुरू होने के चलते कांडपाल का कहना है कि पिछले तीन कार्यकालों से आरक्षित एक सीट इस साल फिर से आरक्षित होगी, जिसके चलते वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि हाईकोर्ट ने पहले ही इस मामले में दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि ये याचिका बीते गुरुवार (19 जून) को दायर की गई थी और शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और जस्टिस आलोक माहरा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। इस संबंध में सोमवार को अदालत ने राज्य द्वारा पंचायत चुनाव के लिए नए नियमों की अधिसूचना प्रस्तुत करने तक चुनाव कार्यवाही पर रोक लगा दी. राज्य को आरक्षण पर अपनी नीति प्रस्तुत करने के लिए भी कहा गया है। स्थगन आदेश के बाद पंचायती राज सचिव चंद्रेश कुमार ने कहा, ‘हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव पर फिलहाल रोक लगा दी है, क्योंकि आरक्षण नियमावली 2025 के लिए अभी तक कोई गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है. इस संबंध में मैंने राजकीय मुद्रणालय रुड़की से बात की है, ताकि गजट नोटिफिकेशन की एक प्रति राज्य सरकार को उपलब्ध कराई जा सके, जिसे हाईकोर्ट में प्रस्तुत कर स्थगन हटाया जा सके।’

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