उत्तर प्रदेशराज्य

सीएम योगी के निर्देश पर कैबिनेट मंत्री व राज्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया निरीक्षण

जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने चित्रकूट में बाढ़ से प्रभावित दुकानदारों से संवाद कर राहत किट वितरित की, बांदा के मदनपुर पम्प नहर तट से यमुना के जल प्रवाह का निरीक्षण, संभावित बाढ़ से पहले तैयारियों की समीक्षा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वच्छता, दवा वितरण व समय पर चेतावनी सुनिश्चित करें: स्वतंत्र देव सिंह

राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने ललितपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में डोर-टू-डोर निरीक्षण किया, कराया क्षति का आकलन, गोविन्द सागर बांध का निरीक्षण, दिए निर्देश- जल निकासी से पूर्व सूचना प्रणाली मजबूत करें, बानपुर-चकौरा मार्ग मरम्मत के निर्देश, आपदा तंत्र में नावों, गोताखोरों और कंट्रोल रूम की सक्रियता पर जोर

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य सरकार के मंत्रीगण प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों में जाकर राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। इसी क्रम में कैबिनेट मंत्री, जलशक्ति विभाग, उत्तर प्रदेश स्वतंत्र देव सिंह ने मंगलवार को चित्रकूट और बांदा जनपदों के तथा राज्यमंत्री, जलशक्ति विभाग, रामकेश निषाद ने मंगलवार को जनपद ललितपुर के विभिन्न बाढ़ प्रभावित एवं संभावित बाढ़/अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया और मौके पर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत, बचाव व पुनर्वास की व्यवस्थाओं की समीक्षा की।

जनपद चित्रकूट में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने रामघाट पहुंचकर बाढ़ प्रभावित दुकानदारों, व्यापारियों और किसानों से बातचीत की। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि प्रत्येक क्षतिग्रस्त दुकान, प्रतिष्ठान और मकान का समुचित सर्वेक्षण कर रिपोर्ट शासन को प्रेषित की जाए, ताकि प्रभावितों को राहत राशि तत्काल उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने यह भी जानकारी ली कि दुकानों का बीमा है या नहीं। इस दौरान उन्होंने भजन संध्या स्थल पर आपदा राहत किट का वितरण भी किया और कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार, जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के माध्यम से हर सम्भव सहायता जरूरतमंदों तक पहुंचाई जा रही है। उन्होंने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए कि प्रभावित इलाकों में स्वच्छता व्यवस्था दुरुस्त रखी जाए, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव हो और दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, जिससे महामारी जैसी स्थिति न उत्पन्न हो।

इसी क्रम में, कैबिनेट मंत्री ने जनपद बांदा के चिल्लाघाट स्थित मदनपुर पम्प नहर तट से यमुना नदी के जल प्रवाह का निरीक्षण किया। उन्होंने अधीक्षण अभियंता सिंचाई से तहसील पैलानी एवं सदर क्षेत्र में संभावित बाढ़ की स्थिति की जानकारी प्राप्त की और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि यमुना और केन नदियों के जलस्तर पर सतत निगरानी रखी जाए। उन्होंने नदियों के कटाव वाले स्थानों की पहचान कर संरक्षण कार्य समय से पूर्ण करने, राहत व बचाव के लिए नाविकों, मोटरबोटों और आपदा सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा लोगों को समय पर अलर्ट जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है, किंतु प्रशासन को पूर्ण रूप से सजग और तैयार रहना होगा ताकि संभावित जोखिम को समय रहते टाला जा सके।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही राज्यमंत्री, जलशक्ति विभाग, रामकेश निषाद ने मंगलवार को जनपद ललितपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया। उन्होंने तहसील महरौनी के ग्राम पड़ंवा में पैदल चलकर डोर-टू-डोर जाकर लोगों से वार्ता की और फसल तथा मकान की क्षति का स्थलीय सत्यापन किया। ग्रामीणों द्वारा दी गई सूचना पर उन्होंने राजस्व अधिकारियों को तत्काल लेखपालों के माध्यम से ग्रामवार सर्वे कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने तालाब के जल बहाव से कटे हुए बानपुर-चकौरा संपर्क मार्ग का निरीक्षण कर लोक निर्माण विभाग को त्वरित मरम्मत कर आवागमन सुचारू कराने के निर्देश दिए।

राज्यमंत्री ने नगर क्षेत्र स्थित गोविन्द सागर बांध का भी निरीक्षण किया और राजघाट निर्माण खण्ड के अधिशासी अभियंता से बांध की क्षमता, जलस्तर व निकासी की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी दशा में बांधों और तालाबों को निर्धारित सीमा से अधिक न भरा जाए तथा जल निकासी से पूर्व प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया, मुनादी और सायरन के माध्यम से समय से पूर्व सूचना लोगों तक पहुंचाई जाए। भ्रमण के उपरांत कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में उन्होंने जनपद के सभी जलस्रोतों की सतत निगरानी, कंट्रोल रूम की सक्रियता, बाढ़ चौकियों की स्थापना, डोर-टू-डोर सर्वे, राशन, दवाएं, नावें, गोताखोर और आपदा मित्रों की तैनाती के निर्देश अधिकारियों को दिए। प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है कि प्रत्येक प्रभावित नागरिक तक समयबद्ध राहत पहुंचे और बाढ़ से संभावित खतरों को रोकने हेतु हर स्तर पर तत्परता बनी रहे।

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