क्वाड देशों ने पहलगाम हमले की निंदा की लेकिन पाकिस्तान पर चुप्पी

न्यूयार्क : अमेरिका में हुई क्वाड देशों की बैठक में पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की गई लेकिन पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया. भारत कई बार दोहरा चुका है कि यह सीधा ‘सीमा पार आतंकवाद’ का मामला है और ‘पाकिस्तान से आए आतंकवादियों’ ने इसे अंजाम दिया है. भारत-पाकिस्तान में युद्धविराम के बाद ऐसे कई वाक़ये हुए जिनसे एक संदेश गया कि अमेरिका का रुख़ पाकिस्तान को लेकर नरम हुआ है. जून में पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में लंच के लिए आमंत्रित किया था. फिर पाकिस्तान ने ट्रंप के नाम की नोबेल शांति पुरस्कार के लिए सिफ़ारिश की.
पिछले हफ़्ते भारत में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक उस वक़्त चर्चा में आई जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ज्वाइंट स्टेटमेंट पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. भारत की चिंता ‘आतंकवाद’ को लेकर थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया था कि आतंकवाद की चिंताओं (भारत की) को लेकर एक देश को आपत्ति थी जिसकी वजह से स्टेटमेंट फ़ाइनल नहीं हुआ. इस घटना के लगभग एक हफ़्ते बाद अमेरिका में क्वाड देशों- ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई. इसमें सभी क्वाड देशों ने एक स्वर में ‘पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा’ की है.
मीटिंग से पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपनी बात रखी और कहा, भारत के पास आतंकवाद के ख़िलाफ़ अपने नागरिकों की रक्षा करने का पूरा अधिकार है और हम इस अधिकार का प्रयोग करते रहेंगे. हम उम्मीद करते हैं कि हमारे क्वाड साझेदार इसे समझेंगे और सराहेंगे. भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, ट्रंप और सेंटकॉम कमांडर की तरफ़ से पाकिस्तान पर हाल ही में दिए गए बयानों को देखते हुए, अमेरिकी विदेश मंत्री की उपस्थिति में पाकिस्तान को एक कड़ा, स्पष्ट और साहसिक संदेश दिया गया.” क्वाड और एससीओ अपनी संरचना, उद्देश्यों और भू-राजनीतिक झुकाव में काफी अलग हैं और पहलगाम हमले को लेकर दोनों संगठनों के रुख़ में ये बात साफ दिखाई देती है.