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आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड बर्दाश्त नहीं : डोभाल

एससीओ बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का दो टूक संदेश

बीजिंग : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने मंगलवार को बीजिंग में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सदस्य देशों की सुरक्षा परिषद सचिवों की 20वीं बैठक को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड छोड़ने और संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों तथा उनके नेटवर्क के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की आवश्यकता पर बल दिया। डोभाल ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए बर्बर आतंकी हमले और उसके जवाब में भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह आतंक के ढांचे को नष्ट करने और सीमा पार से भारत में घुसपैठ की कोशिशों को रोकने के लिए एक मापा गया और गैर-उकसाने वाला कदम था।

उन्होंने कहा कि टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) ने इस हमले में भारतीय और नेपाली नागरिकों को धर्म के आधार पर अलग करके 26 लोगों की हत्या कर दी थी। एनएसए ने कहा कि भारत को लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, अल-कायदा, आईएसआईएस और उनके सहयोगी संगठनों से बने यूएन द्वारा नामित आतंकी संगठनों से लगातार खतरा बना हुआ है, जिनका मुख्यालय पाकिस्तान में है और जिन्हें राज्य का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने एससीओ देशों से आग्रह किया कि वे आतंकवाद के हर रूप, विशेषकर सीमा पार आतंकवाद, को मानवता के विरुद्ध अपराध मानें और उसके प्रायोजकों, आयोजकों, वित्तीय मददगारों और हमलावरों को न्याय के कटघरे में लाने में सहयोग करें।

एनएसए डोभाल ने एससीओ मंच पर भारत की ओर से कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी रखे। इनमें अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों के खिलाफ संयुक्त कार्यों का एक ‘एल्गोरिदम ऑफ जॉइंट एक्शन्स’, आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद की ओर ले जाने वाले कट्टरपंथ से निपटने के लिए संयुक्त उपाय और आतंकी विचारधाराओं से मुकाबला करने के लिए संयुक्त सूचना अभियान शामिल हैं। उन्होंने इन प्रस्तावों को समर्थन देने के लिए अन्य सदस्य देशों का आभार भी जताया।

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